रंगीन बोतलों में कैद है लोगो की जिंदगियां,झोला छाप डॉक्टरों पर मेहरबान कौन..?




मोहनगढ़,दिगौड़ा तहसील क्षेत्र  के गांव गांव जमे बैठे अशिक्षित झोलाछाप 


मोहनगढ़। सुबह हुई घंटी बजी खिड़की से बाहर झाक कर देखा  मरीज खड़ा है...दौड़कर डॉक्टर साहब बाहर आए और बगैर जांच परीक्षण किए हैवी डोज दे दिया,जो कुछ मरीज तो झेल गए और कुछ अपने परिवार को याद करते हुए चल बसे..!
यही सब खेल मोहनगढ़ और दिगोड़ा तहसील क्षेत्र में चल रहा है, लगभग हर गांव में जमे झोला छाप इलाज के साथ मेडिकल भी साथ लेकर घूम रहे हैं अब सवाल स्वास्थ्य विभाग पर उठाता है कि गावों में लोगों के स्वास्थ्य के साथ जो खिलवाड़ किया जा रहा है उसका जिम्मेवार कौन है। यदि बात करें क्षेत्र में मेडिकल दुकानों की तो अधिकतर मेडिकल दुकाने बगैर मापदंड के संचालित है आखिरकार कैसे..?

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