टीकमगढ़। देश स्वतंत्रता के 77 वर्ष बीत जाने के बाद भी टीकमगढ़ जिले में सामंतशाही बरकरार देखी गई, जिले के बल्देवगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत हटा गांव में पहली बार पुलिस की मौजूदगी में गाजे बाजे के साथ दलित बेटे की राछ निकली गई। जब दलित परिवार ने शादी में राछ निकालने के लिए घोड़ा बुक किया तो दो दिन बाद घोड़े वाले ने घोड़े की बुकिंग का एडवांस बापिस कर दिया जिससे आशंकित होकर दलित परिवार ने शादी के पहले पुलिस की मदद मांगी थी।
आज पुलिस की मौजूदगी में गाजे बाजे के साथ ग्राम हटा में राछ निकली गई और परिजनों और नातेदारों ने शादी का आनंद लिया गया। ग्रामीणों की माने तो बल्देवगढ़ थाना क्षेत्र के लगभग एक दर्जन ग्रामों में दलित परिवार घोड़े पर बैठकर गांव में राछ नहीं निकाल सकते आज भी यह व्यवस्था कुछ गावों में हावी है,आज भी कही कही सामंत शाही और जातिवाद की बू आती है। जो टीकमगढ़ जिले के लिए ही नहीं स्वतंत्र भारत देश के लिए दुर्भाग्य की बात है।
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