सोलह थाने और दस पुलिस चौकियों के बल के बलबूते पर मेंटेन होगा जिले का लॉ एंड ऑर्डर ...!




यूपी के दो जिलों के साथ निवाड़ी और छतरपुर को स्पर्श करती है जिले की सीमाएं..


टीकमगढ़। मंगलबार को जिले की मंगल  कामना करते हुए नवागत पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंण्डलोई ने  पदभार ग्रहण कर पुलिस व्यवस्था की कमान संभाली और पुलिस प्रशासन की गतिविधि को आगे बढ़ाया। बताया गया मनोहर सिंह  मंडलोई वर्ष 2012 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी है,जिनका जिला  पुलिस कप्तान के रूप पहला अनुभव माना जाएगा और शायद यह गौरव टीकमगढ़ को प्राप्त हुआ। पुलिस अधीक्षक पद भार संभालते ही आमलोगों से ज्यादा अवैध कारोबारियों का बधाईयां देना एवं मुलाकात करने का सिलसिला जारी है जो कुछ दिनों तक निरंतर चलेगा लेकिन जिले के लोगों को नवागत पुलिस अधीक्षक से अच्छी पुलिस व्यवस्था एवं न्याय की आशा है। जिले के 16 थानों में जिले का महिला पुलिस थाना, एवं आ जा का थाना एवं दस पुलिस चौकियों में जिला की अस्पताल पुलिस चौकी शामिल है।

आखिरकार कैसा रहा  पुलिस अधीक्षक रोहित काशबानी का कार्यकाल..

 लोगों की माने तो पुलिस अधीक्षक रोहित काशबानी का कार्यकाल  की बानगी सरल, सहज स्वभाव को लेकर चर्चा में रही, उनके स्थानांतरण की लिस्ट जारी होते  ही लोगो में बेखुशी देखी गई,लोगो ने उनके कार्यकाल की जमकर तारीफ की  लेकिन पुलिस की माने तो स्टॉप के लिए उनका कार्यकाल तनाव पूर्ण रहा वो इसलिए कि रोहित काशबानी किसी भी समय अपना वाहन उठा कर अचानक पुलिस थानों की व्यवस्था देखने के लिए निकल पड़ते थे, अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं करते थे, अचानक जिस किसी थाना या चौकी में जैसे ही साहब का छोटा सा सफेद वाहन प्रवेश करता था मानो पुलिस स्टॉप में भाग दौड़ शुरू हो जाती थी। रोहित काशबानी ने शायद युवा होने के नाते युवा उप निरीक्षकों को अधिकांश थाने चौकियों की जिम्मेदारी सौंपी यहां तक कि टी आई थानों पर भी उप निरीक्षको को प्रभारी बनाकर भेजा, जिससे थाना क्षेत्र के अधिकांश पीड़ित लोग थानों से ज्यादा पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच कर पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाते नजर आए , इतना ही नहीं पूर्व में रहे पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे एवं रोहित  काशवानी के कार्यकाल में नाबालिक बच्चियों के साथ दरिंदगी,नाबालिक बच्चियों को भगाले जाने एवं एससी एसटी के मामलों के साथ बिना जांच किए अपराधिक मामला दर्ज किए जाने में इजाफा देखा गया, यहां तक कि  कभी कभी पीड़ित परिजनों को रोड पर मृत शव रखकर चीखना चिल्लाना पड़ा तब जाकर न्याय मिला।
जिले के गांव गांव तक अवैध शराब सप्लाई की खबरों ने भी जमकर सुर्खियां बटोरी ...जो अब नवागत पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह के लिए होगी चुनौती साबित...!

(राकेश भास्कर टीकमगढ़.)

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